Home Loan EMI – अगर आपने घर खरीदने के लिए होम लोन ले रखा है या लेने का प्लान बना रहे हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स यानी 0.25% की कटौती कर दी है। इसका सीधा फायदा उन लोगों को मिलेगा जिन्होंने फ्लोटिंग रेट पर होम लोन लिया हुआ है। इस बदलाव से आपकी EMI कम हो सकती है और लंबे समय में अच्छी खासी बचत हो सकती है।
अब चलिए इसे थोड़ा आसान भाषा में समझते हैं – कि रेपो रेट में कटौती क्या होती है, EMI कैसे घटती है और आपको कितना फायदा हो सकता है।
रेपो रेट क्या होता है?
सबसे पहले ये जान लेते हैं कि रेपो रेट होता क्या है। रेपो रेट वो ब्याज दर होती है जिस पर RBI बैंकों को पैसों की उधारी देता है। जब RBI इस दर को घटाता है, तो बैंकों के लिए फंड लेना सस्ता हो जाता है। नतीजतन बैंक भी अपने ग्राहकों को कम ब्याज दर पर लोन देने लगते हैं।
इस बार RBI ने रेपो रेट में 0.25% की कटौती करते हुए इसे 6.00% कर दिया है। अगर आपका लोन रेपो रेट से जुड़ा हुआ है (जैसा कि अक्टूबर 2019 के बाद से सभी फ्लोटिंग रेट लोन होते हैं), तो आपके लोन की ब्याज दर भी कम हो सकती है।
30 लाख के लोन पर EMI में कितनी राहत?
अब इसे एक उदाहरण से समझते हैं।
मान लीजिए आपने 30 लाख रुपये का होम लोन 20 साल यानी 240 महीनों के लिए लिया है और उस पर ब्याज दर 9% सालाना है। तो आपकी मासिक EMI लगभग ₹26,992 बनती है।
इस हिसाब से आपको 20 साल में जो कुल भुगतान करना होगा, वो कुछ इस तरह होगा:
- कुल ब्याज भुगतान: ₹34,78,027
- कुल भुगतान (लोन + ब्याज): ₹64,78,027
अब अगर RBI द्वारा रेपो रेट में की गई कटौती के बाद आपका बैंक भी ब्याज दर को 9% से घटाकर 8.75% कर देता है, तो आपकी EMI घटकर करीब ₹26,511 हो जाएगी।
यानी हर महीने ₹481 की बचत होगी।
अब इसे पूरे लोन टेन्योर यानी 20 साल (240 महीने) में जोड़ें, तो:
- कुल EMI बचत: ₹481 × 240 = ₹1,15,440 लगभग
- नया कुल ब्याज भुगतान: ₹33,62,717
- नया कुल भुगतान: ₹63,62,717
इसका मतलब है कि सिर्फ 0.25% की कटौती से ही आपकी कुल बचत ₹1.15 लाख के करीब हो सकती है।
EMI घटाएं या लोन जल्दी चुकाएं – कौन सा ऑप्शन बेहतर है?
अब जब ब्याज दर में कटौती होती है, तो बैंक आपको दो ऑप्शन देते हैं:
- EMI कम कर लें और लोन की अवधि वही रखें
- EMI को पहले जैसी ही रखें और लोन की अवधि कम करवा लें
दूसरे ऑप्शन में आपको EMI उतनी ही देनी पड़ेगी, लेकिन आपका लोन जल्दी खत्म हो जाएगा।
उदाहरण के लिए, अगर आप EMI को ₹26,992 पर ही बनाए रखते हैं (जो पहले थी), और बैंक ने ब्याज दर को 9% से 8.75% कर दिया है, तो आपकी लोन अवधि घटकर 229 महीने रह जाएगी। यानि अब आपको 11 महीने कम EMI देनी पड़ेगी।
11 महीनों की EMI की राशि:
11 EMI × ₹26,992 = ₹2,96,912
यानि EMI की राशि वही रखते हुए लोन जल्दी निपटाने से आपको ₹2.96 लाख की बचत हो सकती है – जो EMI घटाने से होने वाली बचत से दोगुने से भी ज्यादा है।
इसलिए अगर आपकी फाइनेंशियल हालत ठीक है और आप हर महीने वही EMI भर सकते हैं, तो लोन का टेन्योर घटवाना सबसे समझदारी भरा फैसला होगा।
क्या सभी बैंकों पर तुरंत असर होता है?
ध्यान देने वाली बात ये है कि RBI द्वारा रेपो रेट में कटौती का असर सीधे-सीधे तभी पड़ेगा जब आपका लोन फ्लोटिंग रेट पर है और वो रेपो रेट से जुड़ा हुआ है।
हालांकि सभी बैंक तुरंत इस बदलाव को लागू नहीं करते, लेकिन आमतौर पर कुछ हफ्तों या महीनों में बदलाव देखने को मिलता है।
- अगर आपने होम लोन ले रखा है, तो बैंक से संपर्क करें और पता करें कि ब्याज दर में बदलाव हुआ है या नहीं।
- अगर हुआ है, तो EMI कम करवाने या टेन्योर घटवाने का ऑप्शन चुनें – अपनी जरूरत और सुविधा के हिसाब से।
- अगर आप नया होम लोन लेने जा रहे हैं, तो रेपो रेट लिंक्ड फ्लोटिंग रेट लोन चुनें ताकि भविष्य में ब्याज दर में कटौती का फायदा आपको मिले।
RBI के छोटे से फैसले से आपकी जेब में लाखों रुपये बच सकते हैं – बस समझदारी से सही विकल्प चुनना ज़रूरी है। EMI कम करना अच्छा है, लेकिन अगर आप टेन्योर घटा सकते हैं, तो आपकी बचत और भी ज्यादा हो सकती है। तो आगे बढ़िए, बैंक से बात कीजिए और अपने फाइनेंस को और स्मार्ट बनाइए।