Cibil Score New Rules – अगर आप भी कभी लोन लेने की सोच रहे हैं या फिर क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया है, तो “सिबिल स्कोर” शब्द ज़रूर सुना होगा। ये स्कोर ही तय करता है कि आपको बैंक से लोन मिलेगा या नहीं। लेकिन बहुत बार ऐसा होता है कि सिबिल स्कोर से जुड़ी दिक्कतों के कारण लोगों को काफी परेशान होना पड़ता है – बैंक के चक्कर लगाना, रिपोर्ट सही करवाना, स्कोर की जानकारी तक न मिल पाना जैसी समस्याएं आम हैं।
अब इस तरह की दिक्कतें दूर करने के लिए RBI (भारतीय रिज़र्व बैंक) ने कुछ नए नियम बनाए हैं जो 1 अप्रैल से लागू हो गए हैं। इन नए नियमों से आम लोगों को बहुत फायदा होगा और बैंकों की मनमानी भी कम होगी। आइए जानते हैं इन नए नियमों के बारे में आसान भाषा में।
1. आपका सिबिल स्कोर कोई देखे, तो आपको पता चलेगा
अब अगर कोई बैंक, क्रेडिट कार्ड कंपनी या NBFC (Non-Banking Finance Company) आपका सिबिल स्कोर या क्रेडिट रिपोर्ट चेक करती है, तो उन्हें आपको इसकी जानकारी देनी होगी। मतलब – आपकी पीठ पीछे कोई आपका स्कोर नहीं देख सकता!
ये जानकारी SMS या ईमेल के ज़रिए दी जा सकती है। पहले कई लोगों को यह तक नहीं पता चलता था कि उनका स्कोर कब और कौन देख रहा है। अब ये पारदर्शिता बढ़ेगी और आपकी जानकारी में सब कुछ रहेगा।
2. बिना वजह लोन या क्रेडिट कार्ड की रिक्वेस्ट नहीं होगी रिजेक्ट
अभी तक होता यह था कि आपने लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई किया, और वो रिजेक्ट हो गया – पर क्यों हुआ, इसकी कोई जानकारी नहीं मिलती थी। अब RBI ने यह साफ कर दिया है कि अगर कोई बैंक या संस्था आपकी रिक्वेस्ट रिजेक्ट करती है, तो उन्हें इसकी वजह बतानी होगी।
इससे आपको समझने में आसानी होगी कि आगे क्या सुधार करना है। उदाहरण के लिए – स्कोर कम था, EMI ज्यादा थी या कोई डॉक्यूमेंट मिसिंग था – ये सब बातें अब क्लियर होंगी।
3. साल में एक बार मिलेगा फ्री में फुल क्रेडिट रिपोर्ट
अब हर ग्राहक को साल में एक बार फ्री में अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट देखने का हक मिलेगा। RBI ने सभी क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनियों को इस बारे में सख्त निर्देश दिए हैं।
इस रिपोर्ट में आपको पता चलेगा कि आपका क्रेडिट स्कोर क्या है, कितने लोन चल रहे हैं, और क्या कोई गलती है जिसे सुधारने की ज़रूरत है। कंपनियां अपनी वेबसाइट पर इसका लिंक भी देंगी, जिससे आप आसानी से रिपोर्ट डाउनलोड कर सकें।
4. डिफॉल्ट करने से पहले बैंक देगा अलर्ट
अभी तक कुछ बैंक बिना बताये ही ग्राहकों को “डिफॉल्टर” घोषित कर देते थे, जिससे स्कोर पर बुरा असर पड़ता था। अब नए नियमों के मुताबिक बैंक को पहले से ग्राहक को अलर्ट देना होगा।
SMS या ईमेल के जरिए आपको बताया जाएगा कि आपकी कोई EMI पेंडिंग है या आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में कुछ ऐसा जा रहा है जिससे आप डिफॉल्टर घोषित हो सकते हैं। इसके अलावा, हर बैंक और NBFC को नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा, जो सिर्फ सिबिल स्कोर से जुड़ी शिकायतों को सुलझाने के लिए होंगे।
5. 30 दिन में करना होगा शिकायत का समाधान, वरना जुर्माना
अगर आपने सिबिल स्कोर या क्रेडिट रिपोर्ट से जुड़ी कोई शिकायत बैंक या कंपनी से की है, तो अब 30 दिन के अंदर उसका समाधान करना अनिवार्य होगा।
- बैंक को आपकी शिकायत मिलने के 21 दिन के अंदर क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी को बताना होगा।
- उसके बाद, क्रेडिट कंपनी को 9 दिन के अंदर समस्या का समाधान करना होगा।
अगर कोई भी देरी करता है, तो हर दिन के हिसाब से 100 रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा। मतलब – अब कोई आपकी शिकायत को नजरअंदाज़ नहीं कर सकता।
अब सिबिल स्कोर को लेकर ग्राहकों को मिलेगी राहत
इन नए नियमों से साफ है कि अब ग्राहकों को सिबिल स्कोर से जुड़ी परेशानियों से काफी हद तक छुटकारा मिलेगा। पारदर्शिता बढ़ेगी, रिजेक्शन का कारण साफ होगा, और फ्री रिपोर्ट के ज़रिए आप अपनी क्रेडिट हेल्थ को बेहतर तरीके से मॉनिटर कर पाएंगे।
तो अगर आप भी लोन लेने की सोच रहे हैं या अपना स्कोर चेक करना चाहते हैं, तो इन नियमों का ध्यान ज़रूर रखें। RBI की यह पहल वाकई में आम लोगों के लिए राहत की खबर है।